मोटे-अनाज को पारम्परिक अनाज भी कहा जाता है, क्योंकि इसके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। हरित क्रांति के बाद मोटे अनाज की जगह थाली ने गेहूं चावल को सजा लियाऔर मोटे अनाज से खुद को दूर कर लिया मोटे अनाज की महत्ता को देखते हुए आज पूरी दुनिया उसी मोटे अनाज की तरफ वापस लौट रही है। आज इस पोषक आहार की पूरी दुनिया में डिमांड है। इस लिए हाल ही में U.N ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। मोटे अनाज में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स ,सॉल्युबल फाइबर ,प्रोटीन मिनरल्स पाए जाते है।
मोटा अनाज क्या है
मोटा अनाज फसलों से पैदा हुए खाये जा सकने वाले बीज है , जैसे चना, बाजरा, जौ आदि मोठे तौर पर अनाज के तीन हिस्से होते है।
1. ब्रान या चौकर
यह अनाज का सबसे ऊपरी परत होता है जिसमे सर्वाधिक फाइबर, विटामिन, मिनरल्स पाए जाते है।
2. एण्डोस्पर्म
यह बीज की ऊर्जा आपूर्ति करता है। जिसमे ज्यादातर स्टार्च, कम मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।
3. जर्म्स
यह पौधों के रूप में अंकुरित हिस्सा होता है। जिसमे हेल्दी फैट विटामिन्स तथा अन्य पोषक तत्व पाया जाताहै।
मोटे अनाज के श्रोत
i) चना
अंकुरित चना सबसे फायदे मंद होता है। तथा इसे गेंहू के आटे के साथ खा सकते है।
ii) बाजरा
इसमें कैल्शियम ,आयरन , प्रोटीन। मैग्नीशियम आदि पाए जाते है। इसकी खिचड़ी या दलिया बनाकर खाएं
iii) ज़्वार
यह ग्लूटेन फ्री होता है। मैग्नीशियम ,फास्फोरस ,लिवोफ्लाविम आदि का प्रमुख श्रोत है। ज़्वार और मुंगदाल की खिचड़ी बनाकर खा सकते है
iv) जौ
इसका दलिया रोटी बनाकर आसानी से खा सकते है।
v) राजगिरा
इसमें बी-2 ,बी-6 ,ज़िंक ,मैग्नीशियम आदि होते है। मुर मुरे की तरह लड्डू बनाकर खा सकते है।
vi) रागी
यह आयरन और कैल्शियम का प्रमुख श्रोत है। इसे आटे के साथ मिलकर रोटी के रूप में खा सकते है।
मोटे अनाज का प्रयोग सुबह नाश्ते के रूप में करना सबसे अच्छा होता है। (हार्ट फाउंडेशन के अनुसार ) इस सीमित या संतुलित मात्रा में हीं उपयोग करना लाभकारी होता है।
मोटे अनाज के लाभ
i) ह्रदय रोग में
यह ह्रदय रोग के खतरे को 30% तक कम करता है।
30-40 ग्राम साबुत अनाज खाने से ह्रदय रोगों से मृत्यु का खतरा 30% तक कम किया जा सकता है।
(हॉवर्ड के शोध के अनुसार ) मोटा अनाज दिल के मरीज के लिए लाभकारी होता है। इसमें carbohydrate की मात्रा कम पायी जाती है। जिससे हाई बीपी और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही इसके सेवन से शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है।
ii) टाइप 2 मधुमेह
इसके प्रयोग से इसके खतरे को 30% तक मक किया जा सकता है। (हॉवर्ड के अनुसार ) लोगों के खराब खान पान और लाइफ स्टाइल के कारन इन दिनों मधुमेह आम समस्या हो चुकी है। ऐसे में मोटा अनाज मधुमेह बिमारी में कई तरह से लाभदायक है। बाजरा ,रागी , जौ , ज्वार आदि शरीर में ब्लड सुगर को नियंत्रित करने में काफी अहम् भूमिका निभाती है।
iii) हड्डियों के लिए फायदेमंद
गलत खान पान के कारन आज कम उम्र में ही लोगों में हड्डी से जुड़ी विभिन्न समस्याएँ देखने को मिलता है। मोटा अनाज जैसे बाजरा , रागी आदि हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें भारी मात्रा में कैल्सियम पाया जाता है। जो हमारी हड्डियों के विकाश और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
iv) इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करना
मोटे अनाज में सभी प्रकार के प्रोटीन , फाइबर , विटामिन्स ,मिनरल्स आदि पाए जाते है। जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
v) पेट से जुड़ी समस्या में लाभदायक
पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज ,गैस ,एसिडिटी मोटे अनाज के प्रयोग से दूर होता है। मोटे अनाज आंतों में होने वाली कैंसर की आशंका को 30% तक काम कर सकता है। ( एक शोध के अनुशार )
ऐसा कहा गया है।
vi) आखों की सेहत के लिए अच्छा
बाजरे में काफी मात्रा में कैरोटीन पाया जाता है। जो आँखों की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। बाजरे के प्रति 200 ग्राम में 232 मिलीग्राम कैरोटीन पाया जाता है
vii) मसल्स को मजबूत करना
मोटे अनाज में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जो मसल्स को मजबूत करने और बढ़ाने में काफी अहम् भूमिका निभाती है। चना में प्रति 100 ग्राम में 24 ग्राम प्रोटीन , प्रति 100 ग्राम बाजरा में 11 ग्राम प्रोटीन एवं प्रति 100 ग्राम रागी में 6-7 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
viii) शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाता है
मोटे अनाज में काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है। प्रति 100 ग्राम चना में 4 ग्राम आयरन , बाजरा में 16 ग्राम ,जौ में 3 ग्राम, रागी में 4 ग्राम आयरन पाया जाता है।