नीम के पत्ते एक औषधीय पौधा है इसमें मौजूद  एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के कारणत्वचा संक्रमणों,खाज, खुजली,दाद,एक्जिमा और अन्य त्वचा समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं ।

1.रक्तचाप को नियंत्रित

नीम पत्तों में मौजूद निंबेदिन(Nimbidin) और निंबिनेन(Nimbinen)जो रक्तचाप को कम करने में सक्षम होता है।

नीम पत्तों में क्वेरसेटिन(Quercetin) और इसोक्वेरसेटिन नामक तत्व के कारण ही रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को संतुलित रखने मदद करता हैं।

2.मधुमेय (Diabetic)

नीम के पत्तों में निम्बिनेन (Nimbinen) नामक तत्व जो पेट की ऊतक को शांत करके पेट वाले विकारों को कम करता है,और नीमोलिन(Nimolin) पेट की लाइनिंग को मजबूत बनाता है और अल्सर को रोकता है।

3.अल्सर 

नीम का प्रयोग मुंहासों में छिपे बैक्टीरिया को फेलने से रोकने में मदद करता हैं और एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी मौजूद गुण कील-मुंहासों ठीक करता हैं |

4.मुंहासों (pimples)

नीम के पत्तों में नीमबिन (Nimbin) और नीमोलिन (Nimolin) तत्व त्वचा के अवरोध को हटाने और रूसी को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं।

5.रूसी

नीम के पत्तों में एंटीमाइक्रोबियल,एंटीफंगल,और एंटिवायरल गुण होते हैं जो कुष्ठ रोग के संक्रमण को नियंत्रित करने और संशोधित करता हैं।

6.कुष्ठ रोग 

नीम में मौजूद एजेडिराक्टिन-ए (azadirachtin-A)  कंपाउंड हेप्टोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) लिवर को सुरक्षा कर और कैंसर से बचाता है |

7.लिवर 

नीम की पत्तियां एंटीमलेरियल गुणों (Antimalarial Properties) से भरपूर है,जो मलेरिया की दवा के रूप में काम करती है और इस समस्या कम करने में मदद करता है |

8.मलेरिया

नीम के पत्तों का सेवन करने से नीम पाचन तंत्र को नियंत्रित करता हैं, नीमबिन (Nimbin), नीमोलिन (Nimolin), और फारसीन (Pharsin) जैसे तत्व पाचन प्रणाली को संतुलित रखता है |

9.पाचन तंत्र

नीम पत्तों में विटामिन C,विटामिन E,क्वेरसेटिन (Quercetin),और निम्बोलिन (Nimbolin)जैसे तत्व है, जिसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित करने और रक्त में लिपिड प्रोफाइल को सुधारने में मदद करता हैं।

10. कोलेस्ट्रॉल स्तर