लिवर कैंसर लिवर मे होने वाला एक खतरनाक टयूमर है यह कैंसर मेटास्टेसिस के रूप मे प्रकट होता हैं। कमजोरी, सूजन, पीलिया, भुख न लगना यह मुख्य लक्ष्णों मे से एक है।
कीमोथेरेपी और कैंसर के अन्य इलाजो के कारण को अंसरजी मिचलना और उल्टी होने से कैंसर के दौरान भूख कम लगती हैं
लिवर कैंसर वजह से मरीजो मे ज्यादातर वजन मे कमी दिखती है,क्योकि यह कैंसर शरीर के उत्तको के लिए जरूरी खाद पदार्थो का अवशोषण करता है।
उच्च रक्तशर्करा का स्तर यकृत की सूजन और निशान पैदा कर सकते है जिससे यकृत की श्रति हो सकती है और यकृत कैंसर के विकास का खतरा बढ़ सकता है।
लंबे समय तक शराब पीने से सिरोसिस हो सकता है,एक ऐसी स्थिति जिसमें लिवर क्षतिग्रस्त हो जाती है जिसमें लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता हैं।
कैंसर रोगियों के स्किन परिवर्तन मे खुजली, दाने सुखापन शामिल है जिससे स्किन के रंग बदल जाते है,और स्किन जगह जगह से गहरे या हल्के रंग के हो सकते है।
त्वचा का रंग पीला पड़ सकता है और खांसी,सांस लेने में परेशानी,उच्चतम पेट में दबाव और चक्कर आदि भी हो सकते हैं।
असामान्य खून की गिरावट,जैसे कीटाणुओं की वजह से निम्न थकान,थंडी,सुखी त्वचा, पीले रंग के नखून, पेट के बाईं ओर दर्द,जैब में सूजन,बुखार और खांसी आदि, दिखाई दे सकते हैं।
यदि आपको अचानक थकान और कमजोरी महसूस होती है बिना किसी वजह के, तो इसे लिवर कैंसर के एक संभावित संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
लिवर कैंसर के मरीजों में अक्सर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की समस्या/शिकायत होती रहती है।
यह एक अन्य लक्षण हो सकता है,जो लिवर कैंसर के मरीजों में दिखाई देती है। इनका शायद यह कारण होता है कि कैंसर के वजह से उल्टी करने वाले नर्वों में दबाव होता है।